गीतांजलि श्री की ‘रेत समाधि’ उनका पांचवां उपन्यास है. इससे पहले उनके चार उपन्यास प्रकाशित हुए हैं, वे ‘माई’, ‘हमारा शहर उस बरस’, ‘तिरोहित’ और ‘खाली जगह’ हैं. गीतांजलि श्री ने एक दौर में कई कहानियां भी लिखी हैं. ये कहानियां ‘वैराग्य’ और ‘यहां हाथी रहते थे’ संग्रह में संकलित हैं. उनकी प्रतिनिधि कहानियों का एक संग्रह भी अलग से है. उनकी किस्सागोई में मार्मिक और मनोवैज्ञानिक विश्लेषण का जादू पसरा रहता है.